बिजली का तापमान
जब बादल गरजते है और उनके टकराव से बिजली चमकती है तो वातावरण की सारी हवा गरम हो जाती है और और बदलो के टकराव से बिजली बनती है तो उसका तापमान सूरज की सतह से 6 गुना ज्यादा हो जाता है सूरज का तापमान 5,504°C होता है जबकि बिजली का तापमान 29,726°C हो जाता है सोचो इतने में तो आदमी का टोस्ट बन जाएगा काला टोस्ट पर प्लेन पर इसका कोई असर नहीं होता क्योकि प्लेन अल्मुनियम का बना होता है और कॉपर फॉयल की परत होती है जो उसे बिजली से बचाती है I
सिक्योरिटी नियम
सिक्योरिटी के नियम के अनुसार अगर कही बिजली चमक रही है तो वह से अपना रुट बदलो भले कितना भी लम्बा चक्कर लगाना पड़े ऐसा इसलिए किया जाता है क्योकि अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो प्लेन तूफ़ान में पड़कर बहुत ज्यादा हिलने लग जाएगा और अफरा तफरी मच सकती है इस वजह से प्लेन का रुट बदल दिया जाता है कभी ऊपर ही तन डोले मन डोले हो जाए और एक दो सवारी दिल के मरीज हो तो ऊपर से ऊपर ही निकल ले I
प्लेन का आंतरिक प्रणाली
प्लेन के अंदर ताम्बे की जाली(Copper Meshes) का प्रयोग किया जाता है जो प्लेन को बहुत सुरक्षा प्रदान करता है करता है जिससे प्लेन हल्का और टिकाऊ होने के साथ साथ मजबूत भी होता है जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत अच्छा मन जाता है इसलिए आप बिना किसी परेशानी के प्लेन में सफर कर सकते है I

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