मनोविदलता या विखंडित मानसिकता (Schizophrenia/स्किज़ोफ्रेनिया) एक मानसिक रोग है । स्किज़ोफ़्रेनिया के रोगी भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देशो में देखने को मिलते है । जिसका पता बहुत देर में चलता है लेकिन ईलाज संभव होने के कारण आप ठीक हो सकते है परन्तु जितनी जल्दी हो सके किसी अच्छे मनोचिकित्सक से मिले और अपना ईलाज कराये बिना झिझक के की लोग क्या सोचेंगे ।
स्किज़ोफ़्रेनिया की श्रेणी : स्किज़ोफ़्रेनिया को मुख्य रूप से चार श्रेणी में बता गया है l
1. सकारात्मक लक्षण : ऐसे लक्षणों को मानसिक लक्षण( सायकोटिक सिम्टम्स ) भी कहा जाता है । जिसमे रोगी को किसी के होने का भय या फिर साया दिखाई देता है जो स्वस्थ व्यक्ति को नहीं दिखाई देता है जिसके लिए हम भभूत फूकते है या फिर बाबा के पास लेकर जाते है परन्तु अगर ऐसा करने पर अगर व्यक्ति ठीक नहीं होता तो उसको जितनी जल्दी हो सके मनोचिकित्सक के पास लेकर जाना चाहिए ।
2. नकारात्मक लक्षण : इस लक्षण में आपको रोगी खुद में खोया दिखता है उसे दुनिया से कोई लेना देना नहीं रहता है उसके चेहरे पर किसी भी तरह के भाव नहीं दिखाई देता है वो अपने आप में ही रहता है जिसे हम समझ लेते है की उसकी वाली उसे छोड़कर भाग गयी और उसके दोस्त उसे दारू पिलाकर गम दूर करने चलते है तो ऐसा करना ठीक नहीं है उसे मनोचिकित्सक के पास लेकर जाना चाहिए ।
3. संज्ञानात्मक लक्षण : इसमें व्यक्ति अपने सोचने समझने की क्षमता को धीरे धीरे खोने लग जाता है और वो किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पता है l उसके मन में हमेशा विचार कहते रहते है वो सकारात्म भी हो सकते है और नकारात्मक भी हो सकते है पर ज्यादातर नकारात्मक ही होते है जैसे आत्महत्या के बारे में सोचना या फिर किसी के बारे में गन्दा सोचना आदि I
4. भावनात्मक लक्षण : इसमें व्यक्ति को किसी भी तरह का भाव नहीं पता चलता ना ही सुख का ना ही दुःख का वो हमेशा उदासीन ही दिखाई देता है I
स्किज़ोफ़्रेनिया के लक्षण ( Symptoms Of Schizophrenia )
स्किज़ोफ़्रेनिया के प्रमुख लक्षण :
1. भ्रम (Delusions) : इसमें व्यक्ति को भ्रम होने लगता है की वो बहुत अमीर है या ताकतवर है वो अपनी ही दुनिया में खोया रहता है वो अपने अंदर दैवीय होने का एहसास करता है l और उसे भ्रम होता रहा है की उसे कोई मरने आ रहा है या वो जैसा चाहता है वैसा कर सकता है I ऐसे मरीजों में मल्टीपल पर्सनालिटी भी देखा गया है I
2. माया (Hallucinations ) इसमें व्यक्ति को ऐसी चीज़े सुनाई और दिखाई देते है जो वास्तव में होती ही नहीं है l उस व्यक्ति को साये जैसा दिखाई देता है और अगर उस व्यक्ति को बताया जाए की ऐसा कुछ भी नहीं है तो वो माने को तैयार ही नहीं होते और वो दूसरे व्यक्ति को गलत ठहराते है और अगर वो नहीं मानते तो वो बहुत गुस्सा हो जाते है I
3. सोचने में विकार (Thought Disorder) : इसमें व्यक्ति की सोचने की क्षमता कमजोर हो जाती है वो किसी एक विषय पर अपनी दृढ़ राय नहीं दे पता ना चाहते हुए भी वो ऐसा तर्क देता है जिसपर लोगो को हंसी और गुस्सा भी आ सकता है l जैसे आम के विषय पर अंगूर का जिक्र कर देना ( इस लाइन को पढ़कर ये मत सोचना की मैं भी थोड़ा हिला हुआ हूँ) I
स्किज़ोफ़्रेनिया के अन्य लक्षण :
1. इच्छाशक्ति की कमी : इसमें व्यक्ति वो सब काम भी नहीं कर पता जो वो पहले बड़ी आराम से कर पाता था वो हर काम कल पर छोड़ने लग जाता है जैसे कल पढूंगा, कल जिम करूंगा आदि l
2.भावनाएं : ऐसे व्यक्ति अपना दुख सुख किसी के सामने या अकेले में भी जाहिर नहीं करते बल्कि ये अपने आप में ही घुट घुट कर जीने लगते है l
3. समाज : ऐसे व्यक्ति समाज से खुद को काट कर रखते है वो किसी की खुशी या दुःख से कोई फर्क नहीं पड़ता है वो हमेशा अकेले रहना पसंद करते है l
4. बीमारी से बेखबर : ऐसे व्यक्ति अकसर अपनी इस बीमारी से खुद बेखबर रहते है उन्हें पता ही नहीं होता की ऐसे को मानसिक बीमारी भी होती है वो तो ऐसा सोचते है की कोई ऊपरी चक्कर है और ओझा और तांत्रिक के चक्कर में पड़े रहतें है l
5. संज्ञानात्मक कठिनाई : ऐसे व्यक्ति की धीरे धीरे जब सब तरह से रूचि हटती जाती है तो उसका ध्यान केंद्रित होना बंद हो जाता है वो किसी से बाते तक नहीं कर पाता किससे कैसे बाते करना है वो भूलने लग जाता है और झिझक उसके अंदर आने लग जाती है और वो समाज से कटा कटा महसूस करता है l
स्किज़ोफ़्रेनिया होने के कारण :
विशेषज्ञ बताते है की स्किज़ोफ़्रेनिया होने के का कारण वंशानुगत भी हो सकता है और पर्यावरण भी कारण हो सकता है पर ये मानसिक बीमारी तेजी से लोगो में फैल रही है (एक तो ये बीमारी ऊपर से कोरोना उठा ले रे बाबा उठा ले मेरा ब्लॉग पढ़ने वालो को नहीं इन बीमारी को उठा ले ) l कारण निम्न प्रकार से है :
1. वंशानुगत कारणों से : अगर ये बीमारी आपके परिवार में पहले किसी को नहीं है तो फिर आपको होने का चांस १ प्रतिशत है और अगर आपके परिवार में किसी को ये बीमारी थी तो आपके होने के चांस १० प्रतिशत तक बढ़ जाते है I
2. तनाव : अक्सर देखा गया है की अगर आप को किसी बात की चिंता ज्यादा रहने लगती है तो आप गम में डूबने लगते तो आपके दिमाग में केमिकल असंतुलन होने लग जाता है और आपको बुरे विचार आने लगते है और आप बेचैन रहने लग जाते हो आप अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हो और धीरे धीरे आपके विचारो और सोंच से आपसे लोग दूर होने लगते है और आप उदास रहने लग जाते हो और आपका मन हमेशा आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगते हो इसलिए आपको चाहिए की जल्दी से जल्दी की अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाए क्योकि चिंता चिता के समान बताया गया है I
3. पर्यावरण : ऐसे व्यक्ति में देखा गया है की अगर बच्चे के घर का माहौल ठीक नहीं है तो वो वैसा ही बन जाता है जैसे अगर घर में लड़ाई होती है तो बच्चा भी देक्झकर वही सिखने लगता है और वैसा ही बर्ताव करने लग जाता है इसलिए घर के बड़े लोगिओ को चाहिए की वो घर में हसी खुशी का माहौल बनाये रखे I
4. ड्रग का सेवन : देखा गया है की जो लोग ड्रग या फिर किसी भी प्रकर का नासा करते है वो इस बीमारी का शिकार बहुत जल्दी बन जाते है क्योकि ड्रग में मरिजुआना और एलएसडी पाया जाता है जिससे ये बीमारी हो जाती है इसलिए कहते है ज्यादा फुंका ना करो फूफा 100 साल जी गए तो हम भी जी जाएंगे ये गलत है आधे से पहले ही निपट लोगे इसलिए सारे नशीले पदार्थ बंद I
स्किज़ोफ़्रेनिया का ईलाज
अगर आपको या आपके परिवार नाते रिश्तेदारी में किसी को ये लक्षण दिखे तो उससे जल्दी से जल्दी किसी अच्छे ओझा तांत्रिक नहीं मनोचिकित्सक के पास लेकर जाए जिससे वो साल छह महीने में पूरी तरह से ठीक हो जाए और कोई जान मान की हानि ना हो I

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